इस्लामाबाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ कहा है कि उनका देश अब किसी अन्य देश के लिए युद्ध नहीं लड़ेगा। जहां तक आतंकवाद से लड़ने का सवाल है तो पाकिस्तानी सेना से बड़ी लड़ाई किसी ने नहीं लड़ी। इमरान का यह बयान अफगानिस्तान में चरमपंथियों के खात्मे की अमेरिकी अपेक्षा का जवाब माना जा रहा है। इस बीच भारत के साथ शांति वार्ता शुरू करने की इच्छा जताने के बाद पाकिस्तान ने फिर कश्मीर राग छेड़ा है। सेना दिवस पर पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा, पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के लोगों की आत्मनिर्णय की मांग का समर्थन करता है। उन्होंने यह भी कहा कि 1965 और 1971 में भारत के साथ हुई जंग से उनके देश ने बहुत कुछ सीखा है। इसी के बाद तमाम मुश्किलें झेलते हुए उसने परमाणु हथियारों का विकास किया है। जनरल बाजवा ने कहा, सीमा पर बहने वाले खून के हर कतरे का बदला लिया जाएगा। रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी भाग लिया, वहीं उन्होंने पाकिस्तानी सेना की भविष्य की नीति को सार्वजनिक किया। भारत के साथ 1965 में हुए युद्ध शहीदों की याद में पाकिस्तान में हर साल छह सितंबर को सेना दिवस और शहीद दिवस मनाया जाता है।
