धर्मशाला, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी ठाकुर ने आज धर्मशाला के प्रयास भवन में महिला अधिकारों को लेकर आयोजित विधिक जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके लिए बनाए गए कानूनों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे अपने अधिकारों का संरक्षण करने में समर्थ हों। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का उद्देश्य महिलाओं का उत्पीड़न व घरेलू हिंसा को रोकने के साथ उनके अधिकारों की सुरक्षा करना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला को अपने अधिकारों की जानकारी अवश्य रखनी चाहिए तथा महिलाओं को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का खुलकर विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाएं अपनी शिकायत, हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग के फोन नंबरों, सदस्यों के मोबाईल अथवा ऑन लाईन आयोग की वेब साईट, ई-मेल और पत्र लिखकर कर सकती हैं।
कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महाविद्यालय धर्मशाला के छात्र व छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अधिवक्ता संगम ने भी महिलाओं के ईपीसी 498 महिला प्रोटेक्शन तथा हिन्दु विवाह अधिनियम के बारे में, अधिवक्ता विजय ने शिक्षण संस्थाओं में भी महिलाओं के सम्बंधित, तथा दहेज प्रथा के बारे में, अधिवक्ता विक्रम ने 2012 अधिनियम बच्चों के प्रति अपराध के बारे में प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त अधिवक्ता रितु ने बाल देखभाल संस्थानों, बाल कल्याण समितियों तथा जेजे बोर्ड द्वारा बाल टैªक पोर्टल में बच्चों का डेटा अपलोड करने, समन्वय स्थापित करने, पोक्सो, बाल देखभाल संस्थानों द्वारा चॉइल्ड केयर प्लान तथा प्रत्येक बच्चे का हिस्टरी फार्म भरने के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर सचिव संदीप नेगी ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। उन्होंने उपस्थित महिलाओं और छात्राओं को आयोग की विभिन्न योजनाओं तथा आयोग द्वारा महिलाओं की सहायता के लिए आरंभ महिला हैल्पलाईन इत्यादि की जानकारी दी। इसके अलावा नेगी ने उपस्थित महिलाओं और कॉलेज के छात्रों से महिला आयोग से संबंधित जानकारी को लेकर प्रश्न पूछे, सही उतर देने वालों को महिला आयोग की ओर से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।