नई दिल्ली- एयर इंडिया की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि एयर इंडिया भारी कर्ज के बोझ से जूझ रहा है इससे निपटने की जरूरत है। जानकारी के लिए बता दें कि घाटे में चल रही एयरलाइन कंपनी पर करीब 48,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज होने की उम्मीद है।मई महीने में सरकार ने एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश का प्रयास किया था जो कि असफल रहा। सुरेश प्रभु ने कहा कि एयर इंडिया एक विरासती समस्या है। इस एयरलाइन का कर्ज अरक्षणीय है। एयर इंडिया को भूल जाए, कोई इसके कर्ज से निपट नहीं सकता। किसी भी एयरलाइन के लिए इसके कर्ज से निपटना संभव नहीं है। इसका सबसे सही तरीका यह है कि कैसे इस विरासती समस्या से निपटा जाए।एयर इंडिया का जबसे वर्ष 2007 में इंडियन एयरलाइन के साथ विलय हुआ है तब से यह नुकसान में चल रही है। ऑडिट किये गये खातों के अनुसार, वर्ष 2016-17 में एयरलाइन का कुल मिलाकर नुकसान 47145.62 करोड़ रुपये रहा है।वहीं उल्लेखनीय है कि घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी ने बीते सात महीने में छह बार कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी कर चुकी है। जुलाई का वेतन 14 अगस्त को दिया गया है। देरी से मिले वेतन में भी उड़ान भत्ता नहीं शामिल होने से पायलटों का एक वर्ग नाराज है। आइसीपीए ने कहा कि उसने कंपनी प्रबंधन से अनुरोध किया था कि यदि वेतन में कोई देरी हो तो उसकी जानकारी दे दी जाए। साथ ही भत्तों को वेतन से अलग करके नहीं देने का अनुरोध भी किया गया था।
