चंडीगढ़,
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि लंदन में एस.एफ.जे. की रैली को समर्थन न मिलने के कारण यह सिद्ध हो गया कि भारत से बाहर भी जनमत -2020 के सम्बन्ध में निचले स्तर पर इसको कोई समर्थन हासिल नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने इस ढोंगी जत्थेबंदी की तरफ से भारत विशेषकर पंजाब में गड़बड़ पैदा करने के मंतव्य के साथ की गई इस कार्यवाई को फिज़़ूल करार देते हुए रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखज़ फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) विघटनकारी तत्वों का ग्रुप है और यह तत्व भारत को बाँटने के लिए पाकिस्तान की एजेंसी आई.एस.आई. के हाथों में खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को अपने अपवित्र इरादों में मुंह की खानी पड़ी है और आगे भी असफल होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि रैली में पाकिस्तान के राजनीतिज्ञों की मौजुदगी से यह बात स्पष्ट हो गई है कि यह आई.एस.आई. की साजिश है जिसका उद्देश्य भारत में गड़बड़ पैदा करना है क्योंकि यह पिछले सालों के दौरान लगातार अपनी कार्यवाहियों में असफल होती आ रही है। इंग्लैंड में हुई रैली पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीद के अनुसार यह पूरी तरह छलावा साबित हुआ है जिसमें मु_ीभर तत्वों ने ही सम्मिलन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह महसूस करते थे कि इंग्लैंड की सरकार को भारत विरोधी मुहिम के लिए अपनी धरती से इन तत्वों को आज्ञा नहीं देनी चाहिए थी। इंग्लैंड की सरकार की आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इसने प्रदर्शनकारियों को हाइड पार्क की जगह ट्रैफलगर सुकेयर में रैली की इजाज़त देकर यह दिखा दिया है कि इसकी इस मुद्दे के साथ पूरी तरह इतमिनानी थी। हाइड पार्क आम तौर पर ऐसे मकसदों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मतदान का समूचा कारोबार एस.एफ.जे. द्वारा पैसे बनाने के अलावा और कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कथित मुहिम की बात करने वाला भारत में यहाँ तक कि भारत से बाहर भी कोई भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस रैली की कम संख्या ने इस बात को सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय समर्थन बिल्कुल न के बराबर था और उन्होंने इसके लिए विभिन्न देशों से विघनकारी तत्व लाए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नज़ीर अहमद सहित पाकिस्तानी नेताओं की मौजुदगी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह रैली आई.एस.आई. की योजना थी। इसकी गवाही इंग्लैंड में रह रहे कश्मीरी अलगाववादियों की मौजुदगी से भी होती है। इस रैली में नज़ीर ने कश्मीर, पंजाब और नागालैंड के अलग होने और भारत को बाँटने संबंधी खुलेआम अपने विचारों का प्रगटावा किया है।
ज़मीनी हकीकतों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ कश्मीरियों को धक्के के साथ पगड़ी बनाईं गई जिससे उनके सिख होने का प्रभाव दिया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ सिखों को यहाँ आने के लिए मजबूर भी किया गया। मुख्यमंत्री ने एस.एफ.जे. को विघटनकारी तत्वों का ग्रुप और सोशल मीडिया का बब्बरशेर करार दिया जिसके द्वारा देश और विदेश में समर्थन के लिए एक भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख एक देश भक्त भाईचारा है जो हमेशा ही देश की एकता और अखंडता के लिए खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि 90 हज़ार सिख भारतीय फ़ौज में सेवा कर रहे हैं और देश की सरहदों की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एस.एफ.जे. सिख भाईचारे को अपने संकुचित हितों के लिए गुमराह करने में कभी भी सफल नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने देश से अपनी नजऱा दूर रखने के लिए एस.एफ.जे. और अन्य भारतीय विरोधी तत्वों को चेतावनी दी। उन्होंने इनको पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में गड़बड़ पैदा करने की कोशिशों से बाज़ आने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस तरह की कोशिशों को बुरी तरह मसल देगी। उन्होंने कहा कि राज्य की शांति और सांप्रदायिक सदभावना को भंंग करने की किसी को भी आज्ञा नहीं दी जायेगी।