मंडी – एक सड़क दुर्घटना में अपनी दोनों टांगें कुचलने के बाद लाचारी व बेबसी की जिंदगी जीने पर मजबूर नरेश के लिए जिला प्रशासन व रेडक्रास सोसायटी के प्रयास नया जीवन लेकर आए हैं। मदद के लिए बढ़े हाथों से उसका हौसला भी बढ़ा और हर ओर से निराश हो चुके नरेश की जिंदगी अब फिर से पटरी पर लौटने लगी है। कुछ माह पूर्व जिला प्रशासन मण्डी के ध्यान में आया कि नरेश कुमार पुत्र बिमला देवी पत्नी स्वर्गीय सीता राम, गांव बुराहली 22 जुलाई 2017 को किसी दुर्घटना में घायल हो गया था और पी0जी0आई0 चण्डीगढ़ में उपचाराधीन रहने के उपरान्त धन अभाव के कारण वापस घर आ चुका था। पी0जी0आई0 के चिकित्सकों द्वारा परामर्श दिया गया कि वह लाल बहादुर शास्त्री मैडिकल कालेज, मंडी स्थित नेरचैक में अपना उपचार करवाये, लेकिन आर्थिक स्थिति बेहतर न होने से नरेश इसमें असमर्थ था। जिला प्रशासन ने रैडक्रास सोसायटी को अवलिम्ब नरेश के घर जाकर वस्तुस्थिति बारे पूर्ण विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
दिनांक 31 मार्च, 2018 को सोसायटी के सचिव, ओ0 पी0 भाटिया, समन्वयक भगत राम व स्थानीय स्वयं सेवियों के साथ उनके घर पहुंचे। नरेश का घर बल्ह उप-मण्डल की अंतिम ग्राम पंचायत हल्यातर के गांव बुराहली में मुख्य सड़क से लगभग 800 मीटर की दूरी पर स्थित है। नरेश कुमार की कमर से नीचे दोनों टांगों में चार रौड डाली गई हैं व चलने-फिरने में असमर्थ होने के कारण बिस्तर पर ही अपना जीवन-यापन कर रहा है। मौके पर पाया गया कि नरेश की बांई टांग में घुटने से नीचे भारी जख्म होने से खून व पीक का रिसाव हो रहा था। घर पर उसकी देखभाल के लिए वृद्ध माता बिमला देवी ही हैं। वह भी किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं तथा अपना उपचार इन्दिरा गांधी मैडिकल महाविद्यालय शिमला से करवा रही हैं। पिता का स्वर्गवास लगभग दस वर्ष पूर्व हो चुका है। जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किये गये कि जब तक नरेश का उपचार निरन्तर जारी नहीं किया जाता तब तक प्रथमोपचार उसके घर-द्वार पर ही किया जाये।
श्री ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त एवं अध्यक्ष, जिला रैडकास सोसायटी व श्री राघव शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त, मण्डी द्वारा मामले में गहन रूची दिखाते हुए विशेष वाहन के माध्यम से नरेश कुमार को उपचार हेतु क्षेत्रीय चिकित्सालय, मण्डी पहुंचाने की व्यवस्था की गई। दिनांक 07 अप्रैल, 2018 को डा. संदीप वैद्य, वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ द्वारा नरेश का निरीक्षण कर उसे आगामी उपचार हेतु दाखिल करवाया गया। शरीर में घावों के मद्देनजर उसे अल्फा बैड उपलब्ध करवाने बारे परामर्श दिया गया। रैडक्रास सोसायटी, मण्डी के माध्यम से यह बेड उपलब्ध करवाया गया जिसकी लागत अनुमानित पांच हजार रूपए थी।
उसके उपचार हेतु दवाईयां, अन्य टैस्ट व जांच भारतीय रैडक्रास सोसायटी, जिला शाखा मण्डी के माध्यम से जारी रही। सोसायटी के फिजियोथेरेपिस्ट डा0 कपिल शर्मा द्वारा नरेश की फिजियोथेरेपी भी करवाई गई। जांच के दौरान पाया गया कि नरेश की दाहिनी टांग में जो रौड डाली गई हैं वे पूर्ण रूप से कार्य नही कर रही हैं और इन्हें बदला जाना अति आवश्यक है। बाईं टांग जो कि घुटने से नीचे गल व सड़ चुकी है, उसको निकाला जाना भी आवश्यक है ताकि संक्रमण पूरी बाईं टांग में न फैल सके व घुटने से ऊपर की बाई टांग को बचाया जा सके। 25 अप्रैल, 2018 को यह ऑपरेशन किया गया, जिसका पूरा खर्च जिला रैडक्रास सोसायटी द्वारा ही वहन किया गया।
डा0 संदीप वैद्य की देखरेख में ही नरेश क्षेत्रीय चिकित्सालय में उपचाराधीन रहा और वह दिन भी आ गया जब उसको बैसाखियों के सहारे वार्ड में ही चलना फिरना शुरू करवाया गया। 18 मई, 2018 को उसे जब चिकित्सालय से घर भेजा गया तो वार्ड से रोगी वाहन तक चलाकर पंहुचाया गया। बैसाखियां तथा घर तक पंहुचाने की व्यवस्था, नियमित जांच हेतु घर से क्षेत्रीय चिकित्सालय तक आने-जाने की व्यवस्था व दवाईयां भी सोसायटी द्वारा ही उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
नरेश कुमार की आयु अभी मात्र 25 वर्ष है और यदि वह आजीविका के संसाधन हेतु भी प्रयास करता है तो बैसाखियों के सहारे अपना गुजर-बसर कैसे कर पायेगा। यही सोच कर प्रशासन ने निर्णय लिया कि नरेश को कृत्रिम अंग उपलब्ध करवाया जाये। इसके लिए ऑनलाईन क्राऊड फंडिंग के माध्यम से धन जुटाने हेतु अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग 50 हजार रुपए की राशि एकत्र हो चुकी है। हड्डी रोग विशेषज्ञ के परामर्श के उपरान्त नरेश को कृत्रिम पैर अविलम्ब उपलब्ध करवा दिया जायेगा।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र न होने के कारण नरेश को अन्य कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा था। 5 अगस्त, 2018 को गुरकोठा में आयोजित जनमंच के दौरान जिला रैडक्रास सोसायटी द्वारा आयोजित दिव्यांगता शिविर में नरेश कुमार को लाया गया, जहां चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा उसे 92 प्रतिशत दिव्यांगता प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाया गया। अब नरेश को 1250 रुपए दिव्यांगता पैंशन प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिमाह उपलब्ध करवाई जाएगी। जनमंच में ही उसे रेडक्रास सोसायटी द्वारा व्हील चेयर भी उपलब्ध करवाई गई।
उपायुक्त एवं अध्यक्ष, जिला रेडक्रास सोसायटी मंडी श्री ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि विकट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सम्बन्धित विभागों को इस असहाय परिवार को बी0पी0एल0 सूची में शामिल करने बारे निर्देश जारी किये गये। उपमण्डलाधिकारी (ना0), बल्ह के माध्यम से राहत नियमावली के अन्तर्गत राहत राशि उपलब्ध करवाई गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से बिमला देवी को विधवा पैंशन स्वीकृत की गई। लेदा-घांघणू मुख्य सड़क मार्ग से गांव गजरेहड़ा में नरेश कुमार के घर तक सम्पर्क मार्ग भी स्वीकृत किया जा चुका है।
इस पुनीत कार्य के लिए नरेश कुमार व उनकी माता बिमला देवी, प्रधान, ग्राम पंचायत हल्यातर व स्थानीय प्रतिनिधियों तथा लोगों द्वारा प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है। साथ ही जिला प्रशासन व जिला रैडक्रास सोसायटी, मण्डी को एक गरीब व असहाय व्यक्ति की जान बचाने के लिए बधाई दी व सराहना की है।