चंडीगढ़ – प्रसिद्ध पंजाबी गायक परमीश वर्मा पर हमला करने में कथित तौर पर शामिल दिलप्रती -रिंडा गिरोह के एक और ख़तरनाक निशानची को पुलिस ने शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया है दिलप्रती की गिरफ़्तारी के बाद एक महीने में पंजाब पुलिस की यह दूसरी बड़ी सफलता है। इसने फेसबुक पर गायक को धमकी दी थी और आज उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है।21 वर्षीय इस ख़तरनाक निशानेबाज़ आकाश की तीन राज्यों की पुलिस को तलाश थी। उसे गिरफ़्तार करने के लिए 9 किलोमीटर तक उसका पीछा करना पड़ा और बाद में रूपनगर जिले के सिंघपुरा इलाके में दोनों ओर से हुई गोलीबारी के बाद उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। उसके पास से एक विदेशी माऊजऱ और गोली सिक्का बरामद हुआ है। महाराष्ट्र के नांदेड़ के निवासी आकाश की हत्या के पाँच और डकैती और लूट पाट के 13 मामलों में तलाश थी। उसकी आर्म एक्ट के तहत भी महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब पुलिस को तलाश थी। आकाश 17 साल की उम्र से ही अपराध जगत में शामिल हो गया था और पिछले कुछ महीनों से पंजाब में था। रूपनगर के एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा ने बताया कि दोनों ओर से हुई गोलीबारी में कोई भी पुलिस मुलाज़ीम ज़ख्मी नहीं हुआ है। यह गोलीबारी उस समय शुरू हुई जब इस गैंगस्टर की गाड़ी सिंघपुरा ड्रेन के पास फंस गई। गैंगस्टर के बांये कंधे के पास गोली लगी। इस ऑपरेशन का नेतृत्व रूप नगर पुलिस के डी.एस.पी. और सी.आई.ए.-1 और सी.आई.ए.-2 के के द्वारा किया गया।रिपोर्टों के अनुसार आकाश, दिलप्रती का लंबे समय से साथी है और वह मोहाली में पंजाबी गायक पर हुए हमलों में शामिल है। उस पर देश के अलग अलग हिस्सों में बहुत से केस दर्ज हैं।पिछले महीने दिलप्रती की गिरफ़्तारी के बाद उसे अदालत में सुनवाई के लिए ले जाते समय पुलिस हिरासत में से छुड़ाने के लिए आकाश गिरोह के सदस्यों को संगठित कर रहा था। उसने शुक्रवार को आनंन्दपुर साहिब के पास से बंदूक की नोक पर एक फार्चूनर गाड़ी छीनी थी। श्री शर्मा के अनुसार जिला पुलिस को इस सम्बन्ध में अति चौकस किया गया था और उसकी तरफ से अलग अलग मुख्य स्थानों पर निगरानी रखी जा रही थी। इन स्थितियों में ही पुलिस ने उस समय आकाश का पीछा किया जब उसने गाड़ी भगाकर फऱार होने की कोशिश की। उसके विरुद्ध केस दर्ज कर लिया गया है।इस ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले श्री शर्मा ने अपने पुलिस कैरियर के दौरान बहुत से ख़तरनाक अपराधियों को गिरफ़्तार करने में भूमिका निभाई है जिनमें लौरेंस बिशनोई और दविन्दर शूटर भी शामिल हैं। उन्होंने तीन हफ्ते पहले रूपनगर जिले का प्रभार संभाला था। वर्ष 2007 से 2017 तक के अकाली शासन के दौरान राज्य में अपराधिक गतिविधियां बहुत ज़्यादा बढ़ी और गैंग्स्टरों ने यहाँ बुरी तरह जड़़ें जमा ली थीं । परन्तु मौजूदा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद इन पर नकेल कसी। कैप्टन अमरिेन्दर सिंह सरकार के पहले 15 महीनों के दौरान विभिन्न अपराधिक गिरोहों से संबंधित 922 सदस्य गिरफ़्तार किये गए और विकी गौंडर, प्रेमा लोहारिया, सविन्दर, प्रबजोत और मन्ना सहित सात गैंगस्टरों का ख़ात्मा किया।
