पंजाब सरकार उधोगपतियों को कलस्टर बनाने के लिए आरक्षित कीमत पर उपलब्ध करवाएगी जमीन
लुधियाना के लिए दो नये कलस्टर भी स्वीकृत
बीमार उद्योग को पुर्नजीवित करने एक मुश्त नीति जल्द
उद्योग विभाग की तरफ से 14 उद्योगों के साथ 869 करोड़ रुपए के समझौतों पर हस्ताक्षर
लुधियाना में ’पंजाब लॉजिस्टिक कांनकलेव’ में उद्योग और वाणिज्य कर मंत्री ने की शिरकत
लुधियाना/ चंडीगढ़,
पंजाब के उद्योग और वाणिज्य कर मंत्री श्री सुंन्दर शाम अरोड़ा ने बताया कि लुधियाना जिले में तीन मेगा लॉजिस्टिक पार्क स्थापित किये जा रहे हैं, जो राज्य के औद्योगिक विकास में अग्रणी भूमिका अदा करेंगे। पंजाब सरकार लॉजिस्टिक विकास को राज्य के औद्योगिक विकास के लिए रीड़ की हड्डी मानती है, जिसे किसी भी कीमत पर अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसी वजह से पंजाब सरकार ने अपनी औद्योगिक नीति में लॉजिस्टिक क्षेत्र के विकास को उपयुक्त महत्व दिया है। श्री अरोड़ा आज होटल पार्क प्लाजा में ’पंजाब लॉजिस्टिक कांनकलेव -2018’ को संबोधन कर रहे थे। पंजाब सरकार और पंजाब स्टेट कंटेनर एंड वेयरहाऊसिंग निगम लिमिटड (कोनवेयर) की तरफ से फैडरेशन आफ इंडियन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फीकी), डिलाइट टच टोहमतसु इंडिया एल. एल. पी. के सहयोग से राज्य में करवाई गई अपनी तरह की पहली कांनकलेव दौरान उधोगपतियों के समारोह को संबोधित करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि यह तीनों मेगा लॉजिस्टिक पार्क गाँव किला रायपुर (जिला लुधियाना) में स्थापित की जाएंगी। इन पार्कों में अडानी ग्रुप की तरफ से मल्टीमॉडल लॉजिस्टिकस पार्क, पंजाब लॉजिस्टिकस इंफ्रास्टक्चर लिमिटड की तरफ से और पंजाब राज्य वेयरहाऊसिंग निगम की तरफ से एक-एक पार्क शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह लॉजिस्टिक पार्कों स्थापित होने से औद्योगिक शहर लुधियाना, मंडी गोबिन्दगड़ और राज्य के प्रमुख शहरों, जालंधर, श्री अमृतसर साहब, पटियाला, संगरूर, बठिंडा, श्री फतेहगढ़ऽ साहिब और होशियारपुर के उद्योग को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में लॉजिस्टिक विकास को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है, इसी वजह से ही विभाग की तरफ से लॉजिस्टिक से सम्बन्धित कार्यों को प्रमुखता दिलवाने के लिए खास सैल की स्थापना कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से उधोगपतियों को कलस्टर बनाने के लिए आरक्षित कीमत पर जमीनें देने के लिए बाकायदा लैंड बैंक स्थापित किया है। अब तक राज्य में 25 कलस्टर मंजूर हो चुके हैं और दो नये कलस्टर और स्वीकृत हो चुके हैं, वे भी जिला लुधियाना में ही स्थापित किए जाएंगे।
बीमार उद्योग को पुर्नजीवित करने के लिए महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से जल्द ही एक मुश्त नीति (वन टाईम सेटलमेंट स्कीम) लाई जा रही है, जिस बारे आगामी कैबिनेट मीटिंग में विचार किया जायेगा। उन्होंने विष्वास दिलाया कि पंजाब सरकार राज्य में से बेरोजगारी को खत्म करने के लिए औद्योगिक विकास को विशेष प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से अपनाई गई उद्योग समर्थक नीति के चलते मंडी गोबिन्दगढ़ के कई बंद पड़े उद्योग फिर शुरू हो गए हैं, जो पंजाब के औद्योगिक विकास के लिए अच्छा संकेत है। देश के कई प्रमुख औद्योगिक घराने पंजाब में अपने, उद्योग स्थापित करने के लिए मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ संपर्क साध रहे हैं।
इससे पहले उद्योग और वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव श्री राकेश कुमार वर्मा और विभाग के निर्देशक स. डी. पी. एस. खरबन्दा ने कहा कि मौजूदा समय पंजाब के उद्योगों को लॉजिस्टिक कीमत 14 प्रतिशत पड़ती है, जबकि चीन में यह कीमत 10 प्रतिशत है। विभाग की तरफ से कोशिश की जा रही है कि आगामी पांच सालों में यह कीमत घटा कर 5-7 प्रतिशत कर दी जाये। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले हुए सर्वे में पता लगा है कि पंजाब बढिय़ा लॉजिस्टिक सुविधा मुहैया करवाने में देश भर में से दूसरे स्थान पर है। साल 2020 तक पंजाब को देश का एक नंबर का सूबा बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने उधोगपतियों से आह्वान किया कि वह ट्रेड इंफ्रास्टक्चर फार एक्सपोर्ट स्कीम (टाईज) का भरपूर लाभ लें ।
इसके बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि वैट और जी. एस. टी. से सम्बन्धित सभी अदायगियाँ दिसंबर 2018 तक मुकम्मल कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से जीरकपुर -तेपला -राजपुरा जोन में विशेष वेयरहाऊसिंग पार्क स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कांनकलेव का उदे्ष्य राज्य में लॉजिस्टिकस को और मजबूत करने पर विचार चर्चा करना था। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही जालंधर में लैदर और खेल क्षेत्र के साथ जुड़े उद्योग के विकास के लिए राज्य स्तरीय कांनकलेव की जायेगी। समागम को केंद्रीय वाणिज्य कर और उद्योग मंत्रालय के लॉजिस्टिक डिविजन के डायरैक्टर श्री एस. के. अहीरवर ने भी संबोधित किया और भारत सरकार की तरफ से किये जा रहे प्रयासों का विवरण प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि इस कांनकलेव को चार भागों में बँटा गया था, जिन्हें विभिन्न विषयों के माहिरों ने संबोधन किया। इस मौके विभाग की तरफ से 14 उधोगपतियों के साथ 869 करोड़ के समझौतों पर भी हस्ताखर किए गए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहने वालों में श्री अभिनव त्रिखा मैनेजिंग डायरैक्टर पंजाब स्टेट कंटेनर एंड वेयरहाऊसिंग निगम लिमिटड, गलाडा के मुख्य प्रशासक श्री परमिन्दर सिंह गिल, श्री महेश खन्ना जनरल मैनेजर जिला उद्योग केंद्र लुधियाना षामिल हैं।
