स्विस बैंकों में भारतीयों के कालेधन में बढ़ोतरी की ख़बरों का जोरदार खंडन करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि बीते चार सालों में स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 80 फीसदी की कमी हुई है। 2013 में स्विस बैंकों में भारतीयों की तरफ से नॉन बैंकिंग लोन और डिपॉजिट की कुल राशि 264.8 करोड़ डॉलर थी जो 2017 में घटकर 52.4 करोड़ डॉलर रह गई है. सरकार का दावा है कि यह कामयाबी मोदी सरकार की कालेधन के खिलाफ कड़ी नीतियों का नतीजा है। पीयूष गोयल ने इस मामले में गलत खबर का प्रचार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी जोरदार प्रहार किया। नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से कालेधन के खिलाफ चलाई गई मुहिम को जोरदार सफलता मिलती दिख रही है। पिछले चार साल के एनडीए शासन में स्विस बैंकों में भारतीयों के खातों में जमा राशि में 80 प्रतिशत तक कमी दर्ज की गई है।केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी। पीयूष गोयल ने स्विस नेशनल बैंक यानि एसएनबी की आधिकारिक प्रतिक्रिया के हवाले से कहा कि स्विस बैंक खातों में भारतीयों की जमा राशि पिछले एक साल में घटी है. 2013 में स्विस बैंक में भारतीयों की तरफ से नॉन बैंकिंग लोन और डिपॉजिट की कुल राशि 264.8 करोड़ डॉलर थी, जो 2017 में घटकर 52.4 करोड़ डॉलर रह गई है, 2016 में यह राशि 80 करोड़ डॉलर थी। यानि 2016 के मुकाबले 2017 में यह रकम लगभग 34 प्रतिशत कम हुई है।
स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा काले धन की मात्रा में इजाफे की खबरों को भ्रामक बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि खुद एसएनबी ने भारतीय मीडिया में प्रकाशित इस आशय की खबरों को गलत विश्लेषण पर आधारित बताते हुए इसका खंडन किया है. पीयूष गोयल ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि वो एक बेबुनियाद खबर को लेकर बिना गंभीरता को समझते गलतबयानी कर रहे थे. वित्त मंत्री ने स्विस बैंकों के साथ कालेधन के बारे में साझा की गई जानकारियों का ब्योरा देते हुए बताया कि 2014 से 2018 तक सरकार ने स्विस बैंकों से 4,843 जानकारियां दी हैं। इसके आधार पर उचित कार्रवाई की जा रही है। गोयल ने कहा है कि जिस तरह से झूठी खबरें फैलाई गईं, उससे साफ पता चलता है कि किस तरह से कांग्रेस के द्वारा दुनिया भर में भारत की छवि खराब करने की कोशिश हुई है। पीयूष गोयल ने कहा कि एक नई संधि के तहत 1 जनवरी, 2018 के बाद स्विस बैंकों में भारतीयों के लेन-देन की जानकारी स्वत: सरकार को मिल जाएगी और इसे मांगना नहीं पड़ेगा जाहिर है मोदी सरकार कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्ता संभालने के समय से जोरदार कार्रवाई कर रही है और उसी का नतीजा अब सामने आने लगा है।
