पंजाब

पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा चंडीगढ़ यू.टी. में काडर सुरक्षा की माँग संबंधी राजनाथ सिंह को पत्र

पंजाब और हरियाणा के बीच बढिय़ा संतुलन को खऱाब न करने के लिए कहा

चंडीगढ़ – पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चण्डीगढ़ में पंजाब के काडर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब और हरियाणा राज्यों के बीच केंद्रीय शासित प्रदेश में स्रोतों और कर्मचारियों के हिस्से संबंधी उच्च दर्जे का संतुलन बनाऐ रखने को यकीनी बनाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि इस संतुलन को भंग करने की आज्ञा नहीं दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने लम्बित पड़े क्षेत्रीय विवाद के हल और चण्डीगढ़ पंजाब को दिए जाने की भी गृह मंत्री से अपील की क्योंकि चण्डीगढ़ पंजाब की अधिकारिक राजधानी है।पंजाब और हरियाणा के बीच केंद्रीय शासित प्रदेश चण्डीगढ़ के अधिकारियों/कर्मचारियों और अन्य स्रोतों की हिस्सेदारी के ‘बढिय़ा संतुलन’ को पिछले कुछ सालों से लगातार भंग करने की की जा रही कोशिशों पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने राजनाथ सिंह से अपील की कि वह मंत्रालय को यह सलाह दें कि वह यू.टी. काडर के अधिकारियों को केंद्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ के प्रशासन में शामिल न करें।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पहले से निर्धारित हिस्से अनुपात में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की भूमिका और जि़म्मेदारी को न घटाने के लिए भी गृह मंत्री को कहा है। उन्होंने चण्डीगढ़ के सीनियर सुपरिडेंट ऑफ पुलिस की भूमिका पहले की तरह जि़ला पुलिस के प्रमुख के तौर पर बहाल करने की माँग की है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने यू.टी. काडर के डिप्टी एस.पी. और अन्य कर्मचारियों को चण्डीगढ़ में शामिल न करने के लिए भी गृह मंत्री से अपील की है जिससे पंजाब और हरियाणा की हिस्सेदारी उस समय तक बनी रहे जब तक दोनों राज्यों में अंतिम रूप में लम्बित पड़ा क्षेत्रीय विवाद हल नहीं हो जाता।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नोट किया है कि हाल ही में सीनियर सुपरिडेंट ऑफ पुलिस की शक्तियां जोकि पंजाब में आई.पी.एस. अधिकारी है, छाँटी गई हैं । ऐसा उसको एस.एस.पी. (कानून और व्यवस्था) बनाकर किया गया है। इसी तरह यू.टी. काडर के अन्य डिप्टी एस.पी. शामिल करने का फ़ैसला लिया गया है चाहे कि चण्डीगढ़ में डिप्टी एस.पी. के सभी पद पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों से पहले निर्धारित अनुपात के अनुसार भरे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इन फ़ैसलों से स्पष्ट तौर पर बचा जाना चाहिए क्योंकि इन फ़ैसलों में इस क्षेत्र में बहुत ज़्यादा बेचैनी पैदा करने का सामथ्र्य है।चण्डीगढ़ को बिना शक पंजाब का अखंड हिस्सा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पंजाब की राजधानी है और पैतृक राज्य को क्षेत्रीय अधिकार देने से इन्कार करके कोई और इस पर दावा नहीं कर सकता। पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 के द्वारा क्षेत्रीय विवाद अनसुलझे रहे। उन्होंने कहा कि इस समय के दौरान केंद्रीय शासित प्रदेश चण्डीगढ़ में अधिकारियों/कर्मचारियों और अन्य स्रोतों की हिस्सेदारी का बढिय़ा संतुलन पंजाब और हरियाणा के बीच बना रहा।
उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि पिछले कुछ सालों के दौरान इस बढिय़ा संतुलन को भंग करने की लगातार कोशिशें की गईं। भारत सरकार के गृह मामलों के मंत्रालय ने यू.टी.काडर और केंद्रीय शासित प्रदेशों के अन्य अधिकारियों को चण्डीगढ़ प्रशासन में इसके निकलने वाले निष्कर्षों को महसूस किये बिना शामिल किया। उन्होंने कहा कि इन फ़ैसलों से बचा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों को बाँटे गए विभागों में कमी आई है और यू.टी. काडर के अधिकारियों की संख्या बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे संबंधी विचार करने और इस अनुसार हिदायतें जारी करने के लिए गृह मंत्री को कहा है।

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